IIT MANDI Researcher claimed : जी हां आपने सही सुना। IIT MANDI के शोधकर्ताओं ने ऐसी मटेरियल बनाई है जो शरीर की गर्मी को कुशलतापूर्वक बिजली में परिवर्तित करती है। आने वाले समय मे ये शोध ऊर्जा के जगत मे क्रांति ला सकता है। थर्मोन्यूक्लियर मटेरियल के बारे में संस्थान द्वारा घोषणा पिछले साल जून में की गई थी, लेकिन इसे अब जर्मनी की वैज्ञानिक पत्रिका Angewandte Chemie में प्रकाशित किया गया है। इसका नेतृत्व आईआईटी मंडी के स्कूल ऑफ फिजिकल साइंसेज के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. अजय सोनी ने किया।
अजय सोनी ने अपने ट्विटर (अब X) पे लिखा है की ये टेक्नोलॉजी कैसे काम करेगी।
Here is the final version of our recent work on flexible thermoelectric generator and human touch sensor with thermoelectric effects, published in @angew_chem. Interesting nanomaterials and outcome.@iit__mandi , @serbonline ,@IndiaDST https://t.co/m7xWDrNeyH pic.twitter.com/FVqNO4QQmH
— Ajay Soni (@ajaysoni30) February 8, 2024
अध्ययन के अनुसार, डिवाइस केवल मानवीय स्पर्श से ही चार्ज होना शुरू हो जाएगा। और यह लगभग किसी भी इलेक्ट्रॉनिक गैजेट को चार्ज कर सकता है। डॉ. सोनी ने खोज के बारे में कहा, “कम बिजली वाले लचीले इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को चार्ज करना अब कोई समस्या नहीं है। ये उपकरण मानव शरीर की गर्मी से चार्ज होंगे। हमने इसके लिए एक थर्मोइलेक्ट्रिक मॉड्यूल विकसित किया है।”
अब जानते है thermoelectricity क्या है।
thermoelectricity effect temperature differences का thermocouple के माध्यम से electric voltage में और इसके विपरीत direct conversion है। एक थर्मोइलेक्ट्रिक उपकरण एक वोल्टेज बनाता है जब प्रत्येक तरफ एक अलग तापमान होता है। इसके विपरीत, जब इस पर वोल्टेज लगाया जाता है, तो गर्मी एक तरफ से दूसरी तरफ स्थानांतरित हो जाती है, जिससे तापमान में अंतर पैदा होता है। परमाणु पैमाने पर, एक लागू तापमान प्रवणता सामग्री में आवेश वाहकों को गर्म पक्ष से ठंडे पक्ष तक फैलाने का कारण बनती है।
सोर्स – विकिपीडिया
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